Childrans Day यानी बाल दिवस हर साल 14 नवंबर हमारे देश सारे इंडिया के कोने कोने में मनाया जाता है | और साथ ही इंडिया के सबसे पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरूजी को श्रधांजली देने का दिवस भी है | नेहरूजी सिर्फ राजनेता ही नही राजनेता से भी कही अधिक थे | वो एक दूरदर्शी नेता और युवा दिमाग के विकास उपचार शक्ति में विश्वास करते थे |
राष्ट्रीय बाल दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय बल दिवस का इतिहास संयुक्त राज्य अमेरिका से जुड़ा है| कुछ वर्षो पहले तक जून के दुसरे रविवार को मनाया जाता था| संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में राष्ट्रीय बाल दिवस विभिन्न तिथियों के साथ एक इतिहास रहा है| इस्कू शुरुवात 1856 में रेवरेंड डॉ चार्ल्स लियोनार्ड द्वारा की गई थी| जिन्होंने जून के दुसरे रविवार को बच्चो की जागरूकता को संबोधित करने के लिए इस दिन को नामित किया गया था| 1989 जे अमेरिका में सरकार बदली और जॉर्ज बुश और क्लिंटन के प्रशाशन में अक्टूबर के दुसरे रविवार को राष्ट्रीय बल दिवस की मान्यता दी|
और फिर दोबारा जब 2001 रिपब्लिकन सरकार आयी उन्होंने फिर से ये फैसला बदल कर इसको जून के पहले रविवार को कर दिया था| और दोबारा इसके बाद सरकार बदली और ओबामा का प्रशासन आया उन्होंने फिर से 20 नवंबर में बदल दिया| इन्ही परिवर्तनों की वजह से लोगो में भ्रम पैदा हुआ है | जिसके परिणामस्वरूप लोगो ने अपनी अपनी अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओ के आधार इस दिन को मानाने का विकल्प चुन लिया है |
राष्ट्रीय बाल दिवस का महत्त्व
राष्ट्रीय बाल दिवस मानाने का कुछ तरीके
- अपना कीमती समय बच्चो के साथ बिताये, और वो काम करे जिसे उनको आनंद मिलता हो|
- बच्चो के लिए कुछ विशेष पार्टिया या कुछ कार्यक्रम आयोजित करे|
- बच्चो के हितो का समर्थन करे, और उनकी भलाई करने वाले संगठनों को दान करे|
- बच्चो को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करे|
- उनको अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करे|
- बच्चो को दयालुता के कार्यो में सलग्न होने और समुदाय को वापस लौटने के अवसर प्रदान करे|
- ऐसी किताब या कहानिया पढ़े जो बच्चे और उनकी उपलब्धिया का जश्न मनाये|
- बच्चो के साथ कलाकृति या शिल्प बनाये|
- उन्हें अपनी रचनात्मकता व्यक्त करने का मौका दे|
- बच्चो के अधिकारों की वकालत करना|
- उन्हें प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाये|
- उनके भाग लेने के लिए मनोरंजक खेल और प्रतियोगिता का योजन करे|
- स्कुलो सामुदायिक केन्द्रों या बच्चो के अस्पताल में स्वयमसेवक बने|